एक आर्ट क्यूरेटर अपनी गैलरी के नए निदेशक से यह छिपाने की कोशिश करती है कि वह 'के-पॉप' की बहुत बड़ी फ़ैन है. लेकिन उसकी ज़िंदगी के राज़ के पन्ने खुलते चले जाते हैं.
एक आर्ट क्यूरेटर अपनी गैलरी के नए निदेशक से यह छिपाने की कोशिश करती है कि वह 'के-पॉप' की बहुत बड़ी फ़ैन है. लेकिन उसकी ज़िंदगी के राज़ के पन्ने खुलते चले जाते हैं.